Kisan Sahay Yojna: की शुरुआत 10 अगस्त 2020 को मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने की थी। इस योजना का उद्देश्य राज्य के किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले फसल नुकसान की भरपाई करना है। योजना के तहत, अगर प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल को 33% से 60% तक नुकसान होता है, तो राज्य सरकार अधिकतम चार हेक्टेयर भूमि के लिए प्रति हेक्टेयर 20,000 रुपये का मुआवजा देगी। वहीं, 60% से अधिक फसल नुकसान होने पर, किसानों को प्रति हेक्टेयर 25,000 रुपये का मुआवजा मिलेगा, जिसमें अधिकतम चार हेक्टेयर भूमि शामिल है।
Gujrat Mukhyamantri Kisan Sahay Yojna Details
योजना का नाम | मुख्यमंत्री किसान सहाय योजना |
---|---|
इनके द्वारा शुरू की गयी | मुख्यमंत्री विजय रुपानी जी के द्वारा |
लॉन्च की तारीख | 10 अगस्त 2020 |
लाभार्थी | राज्य के किसान |
उद्देश्य | किसानों को मुआवज़ा प्रदान करना |
Mukhyamantri Kisan Sahay Yojna 2024
एक नई फसल बीमा योजना शुरू की गई है जिसका उद्देश्य राज्य के किसानों को लाभ पहुंचाना है। “मुख्यमंत्री किसान सहाय योजना” नामक यह नई फसल बीमा योजना खासतौर पर खरीफ के मौसम में बारिश की अनियमितता से होने वाले आर्थिक नुकसान को कम करने के लिए गुजरात के किसानों को लाभान्वित करेगी। इस योजना के तहत, किसानों को कोई प्रीमियम भुगतान नहीं करना होगा। प्राकृतिक आपदाओं से फसलों के नुकसान की स्थिति में, किसान राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष के तहत अतिरिक्त मुआवजा प्राप्त करने के पात्र होंगे। इस लेख में, हम आपको इस गुजरात किसान सहाय योजना से संबंधित सभी जानकारी, जैसे आवेदन प्रक्रिया, पात्रता, और आवश्यक दस्तावेज़, प्रदान करेंगे। कृपया इस लेख को अंत तक पढ़ें।
Mukhyamantri Kisan Sahay Yojna के उद्देश्य
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों की फसलों को काफी नुकसान होता है, विशेषकर खरीफ के मौसम में बारिश की अनियमितता के कारण। गुजरात में किसानों को इस समस्या से निपटने के लिए आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए, गुजरात सरकार ने नई “गुजरात मुख्यमंत्री किसान सहाय योजना” शुरू की है। इस योजना के तहत, राज्य सरकार प्राकृतिक आपदाओं जैसे अनियमित बारिश, बाढ़ आदि के कारण किसानों की फसलों को होने वाले नुकसान की स्थिति में आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। इस योजना का उद्देश्य राज्य के किसानों की स्थिति को मजबूत बनाना है और उन्हें आर्थिक रूप से सहारा देना है।
Gujrat Mukhyamantri Kisan Sahay Yojna में दी जाने वाली सहायता
इस योजना का लाभ गुजरात के किसानों को मिलेगा। जिन किसानों की फसलें प्राकृतिक आपदाओं जैसे सूखा, अत्यधिक बारिश, बेमौसम बारिश, बाढ़ आदि से प्रभावित होंगी, उन्हें सरकार मुआवजा देगी। इस योजना के तहत, यदि प्राकृतिक आपदा से 33% से 60% तक फसल नुकसान होता है, तो राज्य सरकार प्रति हेक्टेयर 20,000 रुपये का मुआवजा अधिकतम चार हेक्टेयर तक देगी। अगर 60% से अधिक फसल हानि होती है, तो प्रति हेक्टेयर 25,000 रुपये का मुआवजा अधिकतम चार हेक्टेयर तक मिलेगा।
मुख्यमंत्री किसान सहाय योजना के अंतर्गत विशेष रूप से खरीफ के मौसम में बारिश में अनियमितता से होने वाले नुकसान की भरपाई सरकार करेगी। इस योजना से राज्य के लगभग 56 लाख किसान लाभान्वित होंगे। गुजरात के किसानों को इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसी भी प्रीमियम का भुगतान नहीं करना होगा। जून से नवंबर के बीच बाढ़ या बेमौसम बारिश के कारण खरीफ की फसल बर्बाद होने पर सरकार चार हेक्टेयर तक फसल का मुआवजा प्रदान करेगी।
Mukhyamantri Kisan Sahay Yojna के अंतर्गत किन परिस्थितियों में सहायता प्रदान की जाएगी?
मुख्यमंत्री किसान सहाय योजना के तहत, किसानों को फसल क्षति के लिए सहायता मिल सकती है। इस योजना के अंतर्गत निम्नलिखित परिस्थितियों में क्लेम किया जा सकता है:
सूखा पड़ने पर: यदि किसी जिले में सूखा पड़ता है, तो योजना के तहत क्लेम किया जा सकता है। सूखे की स्थिति मानी जाएगी जब:
- जिले में 10 इंच से कम बारिश हुई हो, या
- मानसून के दौरान बारिश नहीं हुई हो।
भारी वर्षा होने पर: अगर किसी जिले में अत्यधिक वर्षा के कारण फसल को नुकसान होता है, तो इस स्थिति में भी क्लेम किया जा सकता है। भारी वर्षा की स्थिति मानी जाएगी जब:
- जिले में 35 इंच या उससे अधिक बारिश हो, या
- 48 घंटे तक लगातार बारिश हो।
बेमौसम बारिश होने पर: यदि किसी जिले में बेमौसम बारिश होती है जिससे फसल को नुकसान पहुँचता है, तो भी क्लेम किया जा सकता है। बेमौसम बारिश की स्थिति मानी जाएगी जब:
- 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच 50 मिमी से अधिक बारिश 48 घंटे तक हो।
दस्तावेज़ (पात्रता )
आवेदक का गुजरात का स्थायी निवासी होना आवश्यक है। प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसलों को हुए नुकसान के मामलों में किसान राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष के तहत अतिरिक्त मुआवजे के पात्र होंगे। इस योजना के अंतर्गत केवल राज्य के किसानों को ही शामिल किया जाएगा। इस योजना के तहत राज्य भर के राजस्व रिकॉर्ड में पंजीकृत सभी 8-ए धारक किसान खाताधारकों और वन अधिकार अधिनियम के तहत मान्यता प्राप्त किसानों को लाभान्वित किया जाएगा। यह योजना खरीफ 2020 से लागू की जाएगी, इसलिए किसानों को इस योजना के लाभ के लिए खरीफ सीजन में फसल लगानी होगी।
आवश्यक दस्तावेज़:
- आधार कार्ड
- पहचान पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटो
Mukhyamantri Kisan Sahay Yojna (કિસાન સહાય ) में आवेदन कैसे करे ?
राज्य के इच्छुक लाभार्थियों को अभी थोड़ी प्रतीक्षा करनी होगी, क्योंकि गुजरात मुख्यमंत्री किसान सहाय योजना हाल ही में शुरू की गई है। वर्तमान में इस योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन के लिए कोई पोर्टल लॉन्च नहीं किया गया है। जल्द ही एक आधिकारिक समर्पित पोर्टल लॉन्च किया जाएगा, जिसके माध्यम से ई-ग्राम केंद्रों के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किए जा सकेंगे। जैसे ही आधिकारिक वेबसाइट शुरू होगी, हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से पूरी जानकारी प्रदान करेंगे। इसके बाद, आप मुख्यमंत्री किसान सहाय योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन कर योजना का लाभ उठा सकेंगे।
Mukhyamantri Kisan Sahay Yojana लाभार्थी सूची
इस योजना के तहत लाभार्थी किसानों की सूची राज्य सरकार के राजस्व विभाग द्वारा निम्नलिखित प्रक्रिया के तहत तैयार की जाएगी:
- सबसे पहले, जिला कलेक्टर (डीसी) उन तालुका और गांवों की सूची बनाएंगे जिनकी फसलें सूखा, भारी वर्षा या असमय वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुई हैं।
- इसके बाद, 7 दिनों के भीतर यह सूची राजस्व विभाग को सौंपी जाएगी।
- अगले चरण में, एक विशेष सर्वेक्षण टीम 15 दिनों के भीतर फसल नुकसान की समीक्षा करेगी।
- नुकसान का सर्वेक्षण पूरा होने के बाद, जिला विकास अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित आदेश के माध्यम से लाभार्थी किसानों की सूची जारी की जाएगी।
- यह लाभार्थी सूची दो श्रेणियों में होगी: 33% से 60% तक की हानि और 60% से अधिक की हानि।
Read Also:-